हमारे शरीर का लगभग 60% हिस्सा पानी से बना है। पानी कई बॉडी फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसलिए हम रोज कितना पानी पीते हैं, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। कई बार हम इस बात का ध्यान नहीं रखते और इसके कारण शरीर में पानी की कमी (Dehydration) होने लगती है।
शरीर में पानी की मात्रा कम होने पर हमारी बॉडी हमें कई तरह के संकेत (Signs of Dehydration) देती है, जिन्हें पहचानकर आप अपनी पानी की खपत को बेहतर बना सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 9 संकेत जो बताते हैं कि कम पानी पी रहे हैं आप।
मुंह सूखना और प्यास लगना
अगर आपको बार-बार प्यास लगती है या मुंह सूखा महसूस होता है, तो यह साफ संकेत है कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है। प्यास लगने का मतलब है कि आपका शरीर डिहाइड्रेशन की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में तुरंत पानी पीना चाहिए।
तेज गर्मी में पसीना आने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिसे लोग डाइट, पाउडर या गमीज के रूप में मिलने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स लेकर पूरा कर लेते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में किसी न किसी रूप में लोगों में इलेक्ट्रोलाइट्स की काफी लोकप्रियता देखने को मिल रही है। क्या इन मिनरल्स की जरूरत हर किसी को पड़ती है और इसे कब लेना चाहिए, आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।
सिरदर्द और चक्कर आना
पानी की कमी से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिसके कारण दिमाग में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इससे सिरदर्द, चक्कर आना या माइग्रेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
थकान और कमजोरी महसूस होना
डिहाइड्रेशन के कारण शरीर की एनर्जी कम हो जाती है, जिससे आप थका हुआ और सुस्त महसूस करते हैं।
अक्सर लोग अपनी थकान के पीछे नींद की कमी को जिम्मेदार मानते हैं। लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि सिर्फ यही एक कारण हो। कई बार पूरी नींद लेने के बाद भी दिनभर थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है। अगर आपके साथ यह परेशानी हो रही है, तो इसके पीछे कुछ कारण (Persistent Fatigue Causes) जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनके बारे में हम इस आर्टिकल में बताने वाले हैं।
पानी की कमी से दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है, जिससे फोकस में कमी, याददाश्त कमजोर होना और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हमारी रोज की आदतें हमारी सेहत को काफी प्रभावित करती हैं। ऐसे में रोजमर्रा की कुछ आदतें दिमाग को धीरे-धीरे कमजोर करने लगती हैं जिसके कारण याददाश्त कमजोर हो जाती है। ये आदतें व्यक्ति के फोकस को भी कम कर देती हैं।