अभूतपूर्व आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका ने आईएमएफ़ से आपात आर्थिक मदद मांगी है. श्रीलंका सरकार के बेलआउट पैकेज पर भी बातचीत चल रही है. हालांकि श्रीलंका को वित्तीय सहायता देने से पहले आईएमएफ़ भारत से भी बात करेगा.
आईएमएफ से वित्तीय मदद पर बातचीत के लिए श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी अधिकारियों समेत वॉशिंगटन में मौजूद हैं. श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने कहा, ”आईएमएफ़ ने देश के आर्थिक संकट को कम करने के वित्त मंत्री के अब तक के उठाए गए क़दमों की तारीफ़ की है .”
पिछले दिनों ने श्रीलंका ने अपने विदेशी कर्ज पर एक के बाद एक कई डिफॉल्ट किए थे. श्रीलंका ने पिछले मंगलवार को एलान किया था कि वह अपने 51 अरब डॉलर के कर्ज पर डिफॉल्ट करेगा. श्रीलंका के विदेशी कर्ज में चीन की हिस्सेदारी लगभग 36 फीसदी है.
श्रीलंका अपनी आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश में खाद्य उत्पादों, गैस, तेल और अन्य जरूरी चीजों की किल्लत और भारी बिजली कटौती से जूझ रहे लोग सड़कों पर उतर पड़े हैं. श्रीलंका सरकार के सभी मंत्रियों ने पद छोड़ दिया है. कई सांसदों ने भी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का साथ छोड़ दिया है.